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29 Eylül 2018 Cumartesi

जयंत सिन्हा बोले-आलसी ब्यूरोक्रेट्स के फाइलों पर बैठने से हर साल होती है करोड़ों की हानि, तय करनी होगी जवाबदेही

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रांची.केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि आलसी ब्यूरोक्रेट्स के फाइलों पर बैठने से हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए की हानि होती है। इनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। जयंत सिन्हा शनिवार को खेलगांव में चल रहे 'लोकमंथन-2018' के तीसरे दिन व्यवस्था अवलोकन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कई ब्यूरोक्रेट्स काम को टालने और फाइलों पर बैठे रहने में वे माहिर हैं। पंचायत सचिव से लेकर केंद्र के संयुक्त सचिव, सचिव, विशेष सचिव और कैबिनेट सचिव आदि से मेरा साबका पड़ता है। अपने अनुभवों से यह कह सकता हूं कि इनमें से कई निर्णय नहीं ले पाते। उन्हें पता नहीं कि उद्यमी हजारों करोड़ रुपए से उद्योग खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बेवजह दौड़ा कर और फाइल टरकाकर वे करोड़ों का नुकसान करते हैं।

हजारीबाग और रामगढ़ का स्कोर कार्ड बनाया : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनकल्याण के उद्देश्यों को पूरा करने के चार आयाम हैं-राजनीतिक व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, ज्ञान-विज्ञान व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था। इसके लिए जागरूकता, योग्यता और जवाबदेही जरूरी है। उन्होंने हजारीबाग और रामगढ़ का स्कोर कार्ड बनाया है। इस पर वैज्ञानिक तरीके से काम हो रहा है। रिजल्ट भी बढ़िया आ रहा है।

लोकसभा-विधानसभा से भी ऊपर ग्रामसभा, लेकिन विरोधी शक्तियाें ने इसकी आड़ में की पत्थलगड़ी :तीसरे दिन व्यवस्थालोकन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि अगर हम यह सोचते हैं कि हमारे लिए सब कुछ सरकार ही करेगी, तो यह संभव नहीं।

उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट का निर्णय लॉबी में, जबकि कैबिनेट की बैठक के पहले ही उसका फैसला हो जाता है। उन्होंने कहा कि न लोकसभा, न विधानसभा, सबसे ऊपर ग्रामसभा। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से यह नारे भी लगवाए। हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी जोड़ा कि कुछ देशविरोधी शक्तियों ने इसी वाक्य की आड़ में कुछ जिलों में पत्थलगड़ी को प्रोत्साहित किया। ऐसा कर इन शक्तियों ने ग्रामीण लोगों को गुमराह किया।

उन्होंने कहा कि जब वे विशुनपुर आए थे, तो नारा दिया कि कोर्ट-कचहरी, थाना-पुलिस का बहिष्कार करो। इसके लिए उन पर कई केस हुए। उन्होंने विशुनपुर क्षेत्र के एक पादरी का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने मुझसे कहा था कि आप बाहरी हैं, यहां से चले जाएं। लेकिन जब मैंने यह पूछा कि आपके अधिकारी कहां के हैं, तो उसने कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया के हैं।

फिर मैंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो भारत का हिस्सा है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया तो विदेश में है। विदेशी यहां रहेंगे और देशी यहां से चले जाएं, ऐसा नहीं होगा। भगत ने कहा कि नक्सलियों ने उन्हें मारने की भी कोशिश की।

आज समापन, लोकसभाअध्यक्ष सुमित्रा महाजन रांची पहुंचीं :लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन शनिवार शाम रांची पहुंचीं। रविवार को वह 'लोकमंथन-2018' के समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगी। समापन समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे, जबकि कला-संस्कृति मंत्री अमर बाउरी अतिथि के रूप में भाग लेंगे।



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संबोधित करते जयंत सिन्हा, साथ हैं विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत व विचारक माधव राव चितले।
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