{content: राजधानी की सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल और साफ-सफाई दुरूस्त करने के लिए कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर बनाने की कवायद फिर शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने लंबे समय के बाद कमांड सेंटर बनाने के लिए चौथी बार टेंडर निकाला है। अगले माह 9 अक्टूबर को प्री बिड मीटिंग होगी। सेंटर बनाने के लिए आगे आने वाली कंपनियों के साथ कॉर्पोरेशन के अधिकारी चर्चा करेंगे। उनके सवालों का जवाब भी दिया जाएगा। दुर्गा पूजा के बाद 24 अक्टूबर को टेंडर खोला जाएगा। इसमें सफल होने वाली कंपनी को सेंटर बनाने की जिम्मेवारी मिलेगी। हालांकि, इससे पहले टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों को अपना प्रेजेंटेशन भी देना होगा। उन्हें बताना होगा कमांड सेंटर के लिए क्या-क्या इंफ्रास्ट्रक्चर होगा और शहर की निगरानी कैसे की जाएगी।
मालूम हो कि कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर बनाने के लिए एक साल से टेंडर निकाला जा रहा है। इसी वर्ष मई में तीन कंपनियों ने प्रेजेंटेशन भी दिया था, लेकिन रेट पर विवाद होने के बाद टेंडर रद्द कर दिया गया था।
रांची में प्रस्तावित कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर का प्रोजेक्ट 150 करोड़ है
150 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों ने 185 करोड़ मांगा था
रांची में प्रस्तावित कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर 150 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। इसके लिए प्रूफ ऑफ कांसेप्ट के लिए एलएंडटी, हनीवेल और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के प्रतिनिधियों ने डेमो दिया था। इसके बाद निकाले गए टेंडर में कंपनियों ने करीब 185 करोड़ रुपए की मांग की। करीब 23 फीसदी राशि अधिक होने की वजह से यह मामला फंस गया था।
राजधानी की सुरक्षा के साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी होता कारगर
कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर से वीडियो सर्विलांस, पुलिस सर्विलांस सिस्टम को भी जोड़ना था। ऐसा होने से पूरा शहर कैमरे की जद में आ जाता।
शहर के अंदर कहीं भी कोई आपराधिक घटना होती तो अपराधियों की शिनाख्त आसानी से हो सकती है। रोड पर कहीं भी जाम लगने पर उसकी जानकारी चौराहों पर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित होगी।
शहर के प्रमुख मार्गों में नो वेंडिंग जोन, नो पार्किंग जोन में जबरन कोई दुकान या वाहन खड़ा होता तो उसे तत्काल हटाया जा सकता है। क्योंकि, सभी प्रमुख मार्ग कैमरे की निगरानी में रहता।
आईएएस प्रशांत स्टडी टूर से लौटे, आज देंगे योगदान
रांची| आईएएस अधिकारी प्रशांत कुमार स्टडी टूर से वापस आ गए हैं। वे अर्बन ट्रांसपोर्ट पर स्टडी करने के लिए पिछले वर्ष सितंबर में लंदन गए थे। एक साल का कोर्स करने के बाद रांची आ गए हैं। 1 अक्टूबर को वे कार्मिंक विभाग में योगदान देंगे। मालूम हो कि प्रशांत कुमार ने रांची के नगर आयुक्त रहते हुए अर्बन मैनेजमेंट पर कई कार्य किया था। रांची को स्मार्ट सिटी का दर्ज दिलाने में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया था। हालांकि, स्मार्ट सिटी में स्थाई सीईओ नहीं होने से दो साल में स्मार्ट सिटी में प्रस्तावित एक भी योजना धरातल पर नहीं दिखी।
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