{content: भारत ने पिछले दस वर्षो में यानी 2005-06 से 2015-16 तक अपनी गरीबी 55% से 28% कर ली। लेकिन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश अब भी घिसटते हुए चल रहे हैं। झारखंड अब भी देश में सबसे गरीब 4 राज्यों में दूसरे नंबर पर है। गरीबी की रैंकिंग में पहले नंबर पर बिहार है। तीसरा उत्तर प्रदेश और चौथा मध्यप्रदेश है। जबकि, केरल और लक्षद्वीप में गरीबी शून्य है। पूरे देश में 36.4 करोड़ लोग गरीब हैं। जबकि इन चार राज्यों में 19.6 करोड़ की आबादी गरीब है। यह खुलासा हुआ है यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और ओपीएचआई की वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक- 2018 की रिपोर्ट में।
देश में 36.4 करोड़ में से 19.6 करोड़ गरीब बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में
झारखंड-मप्र में सबसे ज्यादा लोग गरीबी के कगार पर रिपोर्ट के अनुसार झारखंड व मप्र में 20.6 % लोग गरीबी की कगार पर खड़े हैं। बिहार में 19.3% और यूपी में 19.7% लोग गरीबी के हाशिए पर हैं। यूएनडीपी के इंडिया निदेशक फ्रांकाईन पिकप के मुताबिक अगर इन राज्यों ने तत्काल प्रभाव से शिक्षा, सेहत और रोजगार संबंधी योजनाओं की जमीनी स्तर पर नहीं उतारा तो कगार पर खड़े लोग पूर्ण गरीब की श्रेणी में चले जाएंगे।
चार राज्यों में गरीबी की स्थिति
पूर्ण गरीब
17.0%
बिहार
10.5%
झारखंड
9.8%
उत्तरप्रदेश
8.8% मध्यप्रदेश
1 फीसदी से कम गरीबी वाले 4 राज्य
केरल
0.0%
लक्षद्वीप
0.0%
सिक्किम
0.1%
तमिलनाडु
0.2%
10 मानकों पर बनी रिपोर्ट : शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर, पोषण, बाल मृत्यु दर, स्वच्छ पानी तक पहुंच, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, बिजली, आवास व संपत्ति शामिल है।
कैसे मापी गई गरीबी : अगर किसी व्यक्ति के पास रिपोर्ट में दिए गए 10 मानकों में से अगर एक तिहाई मानकों की पहुंच नहीं है, तो वह गरीब माना जाएगा।
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