रांची. राजधानी में एक साल बाद फिर सितंबर के महीने में ही जहरीली शराब का कहर टूटा है। रविवार को सीएम हाउस से महज ढाई किलोमीटर पर बसे हातमा फुटकल कोचा में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक सीएम हाउस में ही प्राइवेट स्वीपर का काम करता था। बताया जा रहा है कि बस्ती में एक दिन पहले ही करमा मिलन समारोह के दौरान बाहर से देसी शराब आई थी। इसे पीने के बाद ही कई लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी।
शनिवार शाम से रविवार दोपहर 3 बजे के बीच पिंटू ठाकुर (28), अशोक राम (70), विजय मिर्धा (43), बिल्लू मिर्धा (54), पारस ठाकुर (75) और प्रयाग नागरची की मौत हो गई। रिम्स में भर्ती फूलमणि देवी (70) की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों में पारस ठाकुर और पिंटू ठाकुर पिता-पुत्र हैं।
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मौत की सूचना रविवार को 11:30 बजे तक पुलिस को नहीं थी। मीडिया के बस्ती में पहुंचने के बाद पुलिस को सूचना मिली। इसके बाद एसएसपी अनीश गुप्ता, डीसी महिमापत रे, सिटी एसपी अमन कुमार, डीएसपी सदर, एसडीओ मनोज रंजन, सीओ सदर धनंजय कुमार फुटकल कोचा पहुंचे। शाम को एडीजी आरके मल्लिक व डीआईजी रांची प्रक्षेत्र अमोल वेणुकांत होमकर भी मौके पर पहुंचे। परिजन मृतकों का पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार नहीं थे, अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली थी। पुलिस के समझाने के बाद लोग राजी हुए। घटना के बाद प्रशासन ने बस्ती में स्वास्थ्य शिविर शुरू करवाया।
पिछले वर्ष सितंबर महीने में ही करमा पर्व के अगले दिन से ही जहरीली शराब पीने से राजधानी में 19 लोगो की मौत हो गई थी। लोगों ने बताया कि हातमा बस्ती में भी शनिवार को करमा मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें बाहर से देसी शराब आई थी। देसी शराब पीने के बाद ही लोगों की तबियत बिगड़नी शुरू हुई। सभी को पेट दर्द और उल्टी हो रही थी। फिर एक-एक कर लोग मरने लगे। सबसे पहले शनिवार का शाम पिंटू ठाकुर और अशोक राम की मौत हुई। रविवार सुबह विजय मिर्धा, बिल्लू मिर्धा और पारस ठाकुर की मौत हुई। दोपहर तीन बजे प्रयाग नागरची की मौत हुई।
शहर के बीचों-बीच अवैध शराब की बिक्री पर पर्दा डालने की भूमिका पुलिस ने कैसे रची है, इसका खुलासा रविवार शाम इस मामले में पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति से हुआ। पुलिस ने इसमें छह लोगों की मौत के अजीबोगरीब कारण बताए गए हैं। किसी की मौत हार्ट अटैक तो किसी की बिस्तर से गिरकर होना बताया है। कहा जा रहा है कि ये रिपोर्ट परिजनों से बात कर तैयार की गई है, जबकि बस्ती के लोग साफ कह रहे हैं कि देसी शराब पीने से लोगों की तबीयत बिगड़ी। एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहरीली शराब मिलता है तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
अशोक राम (70) की तबीयत 29 को खराब हुई। दोपहर 2.30 बजे उल्टी हुई। फिर वह सो गया। शाम 7 बजे जब परिजन उठाने गए तो मृत मिला। 10 दिनों से उसकी तबीयत खराब थी।
विजय मिर्धा की तबीयत 28 सितंबर को खराब हुई। 29 को इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल ले जाया गया। इलाज के क्रम में मृत्यु हो गई। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।
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पिंटू ठाकुर की तबीयत 29 को दोपहर 12.30 बजे खराब हुई थी। उन्हें तीन बार उल्टी हुई। दवा देने से फायदा नहीं हुआ तो इलाज के लिए रिम्स ले जाया गया, जहां शाम 5 बजे उसकी मृत्यु हो गई।
बिल्लु मिर्धा की तबीयत 30 को सुबह 8 बजे चाय पीने के बाद खराब हुई। उल्टी होने के बाद लेट गए। 10 बजे मृत्यु हो गई। पैर में तकलीफ थी, घर पर ही रहते थे। शराब पीने का जिक्र नहीं।
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नागर्ची की मृत्यु 30 को हुई। बेचैनी की शिकायत पर हॉस्पिटल ले जाया गया था। जहां हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई।
पारस ठाकुर लगभग एक सप्ताह पहले बिस्तर से गिर गए थे। 27 सितंबर को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शरीर में कमजोरी और अधिक उम्र की वजह से 30 को मृत्यु हो गई।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हातमा में हुई जहरीली शराब कांड की जांच के आदेश दिए हैं। शराब पीने से हुई मौत पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि जवाबदेही तय की जाएगी।
पुलिस वाले रविवार को 12.15 बजे बस्ती में पहुंचे। इससे पहले बस्ती वाले तीन शवों को अंतिम संस्कार के लिए लेकर घाट पहुंच गए थे। पहले तो मृतकों के परिजन शवों के पोस्टमार्टम के लिए तैयार ही नहीं हो रहे थे। काफी समझाने के बाद वे तैयार हुए। फिर पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा। देर रात तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। उपायुक्त ने शवों के पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड का गठन किया है। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
रिम्स में मेडिकल बोर्ड ने चार मृतकों पिंटू ठाकुर, अशोक राम, बिल्लू मिर्धा और विजय मिर्धा का पोस्टमार्टम किया। चारों का बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। रिम्स के अधीक्षक डा. विवेक कश्यप ने कहा कि बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारण को अभी नहीं बताया गया है। वहीं पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। सभी मृतकों का रविवार रात को ही हातमा में अंतिम संस्कार किया गया।
पूरे हातमा क्षेत्र में 1000 से अधिक छोटे-बड़े घर हैं। हर घर में चार से पांच महिला पुरुष सदस्य रहते हैं। हर घर में हड़िया और देसी शराब पीने वाले लोग हैंै। देसी शराब की इतनी खपत है कि हर दूसरे घर में रहने वाली महिला ही अवैध रूप से शराब बेचती है। पुलिस से चोरी छिपे हर दिन देसी शराब कांके, नगड़ी और रातू क्षेत्र से बनकर आती है। पुलिस पकड़ नहीं सके इसके लिए देसी शराब लाने के लिए चार पहिया वाहन के टायर-ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है। एक ट्यूब में करीब 40 बोतल शराब आती है। जिसे बस्ती की महिलाएं 400 से 500 रुपए के बीच खरीदती है। फिर उसे 20 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से बेचती हैं। प्रत्येक बोतल पर दो से तीन रुपए का मुनाफा कमाती है।
महुआ शराब जल्द बनाने के चक्कर में काराबोरी इसमें यूरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। यूरिया महुआ को जल्द गलाने का काम करती है। लेकिन, इसकी ज्यादा मात्रा जानलेवा है। जबकि हड़िया में रानू का ज्यादा इस्तेमाल भी शरीर के लिए खतरनाक है। वहीं, भट्टी में बननेवाली चुलइया शराब में कारोबारी कच्ची स्प्रिट मिलाते हैं, जो जानलेवा हो जाती है।
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