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30 Eylül 2018 Pazar

सीवरेज-ड्रेनेज की निगरानी के लिए बनेगी हाई लेवल कमेटी

{content: रांची नगर निगम ने दो पहल की। पहला निगम क्षेत्र के 55 वार्डों में स्थित घरों का होल्डिंग नंबर अब 53 वार्डों में समायोजित हो जाएगा। 5 अक्टूबर से सभी हाउस होल्ड 53 वार्डों में आ जाएंगे। दूसरा, राजधानी के जोन वन के 9 वार्डों में बन रहे सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग अब हाई लेवल कमेटी करेगी।

नगर विकास विभाग कमेटी बनाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर आयुक्त मनोज कुमार ने निगरानी समिति बनाने के लिए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि सीवरेज-ड्रेनेज का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। कंपनी ने अभी तक 8641 मैनहोल में मात्र 2921 बनाया है। ड्रेनेज का काम अलग-अलग क्षेत्रों में होने से काफी धीमी गति से चल रहा है। मात्र 40% कार्य अभी तक हुआ है। हाईकोर्ट ने एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है, जो निगरानी करेगी। प्रोजेक्ट का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट वेपकॉस द्वारा किया जा रहा है।

कंपनी ने 8641 मैनहोल में मात्र 2921 बनाया है

झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग को लिखा पत्र

अब कंपनी को एक्सटेंशन देने पर भी विभाग करेगा फैसला

ज्योति बिल्डटेक कंपनी का एक्सटेंशन टाइमलाइन रविवार को समाप्त हो गया है। कंपनी ने निगम को पत्र लिखकर फिर एक्सटेंशन देने की मांग की है, ताकि आगे काम जारी रखा जा सके। अब इस प्रस्ताव को नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा। विभाग स्तर से ही इस पर फैसला होगा। कंपनी को 6 माह का एक्सटेंशन भी मिलता है, तो भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं होगा। क्योंकि, अभी भी कंपनी को करीब 60 फीसदी काम करना है।

5 से नए वार्ड के अनुसार करना होगा होल्डिंग टैक्स का भुगतान जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री पर भी पड़ेगा असर

रांची| निगम क्षेत्र के 55 वार्डों में स्थित घरों का होल्डिंग नंबर अब 53 वार्डों में समायोजित हो जाएगा। 5 अक्टूबर से सभी हाउस होल्ड 53 वार्डों में आ जाएंगे। यानी आम लोगों को अपने होल्डिंग टैक्स का भुगतान 53 वार्डों के आधार पर करना होगा। जमीन फ्लैट की रजिस्ट्री भी 53 वार्डों के अनुसार होगी। वार्ड बदलने से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में मूल्य पर भी असर पड़ेगा। क्योंकि, जमीन-फ्लैट की कीमत वार्ड वार तय है। मालूम हो कि नगर निगम चुनाव होने से पहले शहर के वार्डों का परिसीमन हुआ था। इसमें 55 वार्ड की संख्या घटकर 53 हो गई थी। लेकिन, निगम क्षेत्र में स्थित 1.72 लाख होल्डिंग नंबर और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री 55 वार्ड के अनुसार हो रही थी। अब नए वार्ड के अनुसार घरों का डेटा अपडेट कर दिया है।

सड़क और नाली की स्थिति सबसे अधिक खराब

सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट कुल 9 वार्ड में बन रहा है। बजरा से रातू रोड होते हुए मोरहाबादी होते हुए बड़गाईं तक सीवर लाइन बिछ रही है। काम की धीमी रफ्तार की वजह से आम लोगों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि, सीवर लाइन बिछाने और मैन होल लगाने के लिए रोड को बीच में काटा गया। कई स्थानों पर कंपनी ने रोड को भरा नहीं। कई स्थानों पर कटिंग वाले स्थान पर ढलाई की गई, लेकिन वह फिर धंस गई है।



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