{content: एसीसीटी - 2018 के दूसरे दिन दूसरे दिन का मुख्य कार्यक्रम पैनल संगोष्ठी था, जिसकी अध्यक्षता करते हुए सेट के कार्यपालक निदेशक काजल दास ने कहा कि नई तकनीकों के सहारे हमें आयातित कोयले का अंश 60 से 65 फीसदी सीमित करना है। इसके अतिरिक्त सेल के इस्पात संयंत्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप चलना आवश्यक है। स्वदेशी कोयले का सही अनुपात में सम्मिश्रण, स्टांप चार्ज वाली बैटरी इत्यादि समय की मांग है। कोल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष एनसी झा ने कहा कि बीसीसीएल में मुनीडीह एवं आसपास के कोयला का सही नवोन्मेष युक्त परिष्करण जैसे फ्रोथ फ्लोटेशन, नमी को कम कर कोयला चूर्ण को पेलेट में तब्दील कर कोकिंग कोल की तरह इस्तेमाल लिया जा सकता है।
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