सिमडेगा (झारखंड)। पुलिस द्वारा रिमांड पर ली गई मानव तस्करी की आरोपी महिला प्रभा मिंज मुनी एनजीओ की आड़ में मानव तस्करी का धंधा कर रही थी। वह दिल्ली में संपूर्ण घरेलू कामगार सर्वेक्षण एवं उत्थान समिति नामक संस्था चलाती थी तथा ऑल इंडिया क्रिश्चियन संघ की वाइस प्रेसिडेंट भी बनी हुई थी।
दिल्ली में बना रखा थाप्रोडक्शन हाउस, बेटी को फिल्मों मेंप्रोमोट करने में भी जुटी थी
यह बात शनिवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसपी संजीव कुमार ने कही। एसपी ने बताया कि प्रभा मुनी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जशपुर डांडपानी की निवासी है और करीब 12 वर्ष पूर्व दिल्ली गई थी। वहां वेस्ट पंजाबी बाग में बड़ा फ्लैट है जिसमें वह निहाल विहार दिल्ली में अपना कार्यालय चलाती थी। यहीं पर एक प्रोडक्शन हाउस भी बना रखा था जिसमें नागपुरी फिल्मी गीतों की शूटिंग भी होती थी। वह अपनी पुत्री को फिल्मों में प्रोमोट करने में भी जुटी थी। जिस क्रिश्चियन माइनरिटी संघ की उपाध्यक्ष प्रभा मुनी है उसके अध्यक्ष फिलिप प्रस्टि नामक शख्स बताए गए हैं। एसपी कुमार ने कहा कि प्रभा मुनी दिल्ली में हर वर्ष 25 दिसंबर को एक मेला का आयोजन भी करती थी जिसमें राजनीतिक दलों के नेता और बड़ी हस्तियां शामिल होती थीं। शनिवार के प्रेस कांफ्रेंस में प्रभा मुनी को मीडिया के समक्ष लाया गया। वह दुपट्टे से अपना चेहरा छिपाए हुए थी।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर प्रभा से कोई खास राज नहीं उगलवा पाई पुलिस
चार दिनों तक प्रभा मुनी को रिमांड में रखने के दौरान पुलिस उससे ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बारे कोई खास राज नहीं उगलवा पाई है। पुलिस के सवालों का जवाब देने के क्रम में प्रभा मुनी उग्र रही तथा कभी भी सीधे रूप में नहीं दिया। लंबी पूछताछ के बावजूद पुलिस के हाथों वे बातें ही लगी हैं जो अब से पहले मीडिया में आ चुकी हैं। हालांकि एसपी ने कहा कि रांची में कुछ बच्चे बच्चियों के रेस्क्यू की बात सामने आई है और उस मामले में एक टीम रांची भेजी जा चुकी है। एसडीपीओ की रिपोर्ट के बाद और तथ्य सामने आएंगे। ट्रांजिट रिमांड पर ली गई प्रभा से डीएसपी नौशाद आलम, इंस्पेक्टर रविशंकर और एएचटीयू थाना प्रभारी राजे कुजूर ने गहन पूछताछ की थी। एसपी ने बताया कि उसके द्वारा झारखंड के अलावा ओडिशा और छत्तीसगढ़ से लड़के लड़कियों को बहला फुसलाकर दिल्ली ले जाने और पैसा लेकर बड़े घरों में बंधक मजदूर की तरह बड़े घरों में काम पर रखवा देने की बातें सामने आई हैं। पुलिस विभिन्न थानों को सूचना देकर प्रभा के बारे और जानकारी जुटाने में लगी है।
चार्जशीट दाखिल कर चुकी है पुलिस, कोर्ट से मामले को रि ओपन करने की करेगी अपील
2013 के जिस मामले में 23 सितंबर को प्रभा मुनी दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ी है उस मामले में सिमडेगा पुलिस 2015 में ही अपनी चार्जशीट जमा कर चुकी है। इस बात की जानकारी देते हुए एसपी संजीव कुमार ने कहा कि नए तथ्यों के सामने आने के बाद पुलिस ने कोर्ट से उक्त मामले को रि ओपन करने का आग्रह किया है और मामला फिर खुलने के बाद पुलिस अन्य साक्ष्य कोर्ट के सामने पेश करेगी।
कोर्ट के समक्ष तीन बच्चियों के बयान के बाद प्रभा पर हुआ था वारंट
छह मई 2013 को एएचटीयू थाने में प्रभा मुनी और उसके पति रोहित कुमार मुनी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने भादवि की धाराओं 363, 370, 371, 372 और 379 के अलावा 23/26 जेके एक्ट, 14 चाइल्ड लेबर एक्ट और 5 आईपीसी एक्ट 1956 दर्ज किया था जिसमें अपहरण की शिकार बनीं तीन बच्चियों के द्वारा कोर्ट के समक्ष प्रभा और रोहित पर बहला फुसलाकर दिल्ली ले जाने तथा काफी पैसा लेकर एक बड़ी कोठी में काम करने के लिए रख देने का आरोप लगाया था।
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