रांची.हाईकोर्ट कैंपस में एडवोकेट जनरल के ऑफिस के पास लाइब्रेरी से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे लाइब्रेरियन ईश्वर दयाल पंडित (59) का शव बरामद किया गया। सबसे पहले वहां साफ-सफाई करने पहुंचे सफाई कर्मचारियों ने खून से लथपथ पंडित को देखा और दूसरे लोगों को सूचना दी।
इसके बाद तुरंत डोरंडा पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस मौके पर पहुंची और पंडित को रिम्स ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर, घटनास्थल से एक नोट भी बरामद किया गया है, जिसमें लिखा है- मेरे मरने के बाद मेरी सारी संपत्ति पत्नी और बेटी को दे दी जाए। पुलिस ने नोट को जब्त करते हुए मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
डोरंडा थाना प्रभारी रमेश कुमार सिंह ने बताया कि लाइब्रेरियन पंडित रातू रोड के मधुकम इलाके में रहते थे। प्रथम दृष्टया यह मामला संदिग्ध लग रहा है। यह मौत आत्महत्या है या फिर हत्या, इसकी छानबीन शुरू कर दी गई है। पुलिस सभी संभावित बिंदुओं पर जांच कर रही है।
परिजनों से इस संबंध में विस्तार से पूछताछ की जाएगी। उनकी किसी से दुश्मनी या फिर किसी तनाव के बारे में भी पता लगाया जाएगा। रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद हाईकोर्ट लाईब्रेरियन का शव परिजनों को सौंप दिया गया।
18 साल से रोज सुबह 10 पहुंच जाते थे ऑफिस :हाईकोर्ट के एक कर्मचारी जय प्रकाश ने बताया कि ईश्वर दयाल पंडित ने झारखंड अलग राज्य होने के दौरान वर्ष 2000 में हाईकोर्ट के एडवोकेट जनरल के कार्यालय में योगदान दिया था। वे समय के बड़े पाबंद आदमी थे। कोर्ट परिसर में सबसे पहले पहुंचने वाले व्यक्तियों में से एक थे। प्रतिदिन सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंच जाना उनकी दिनचर्या में शामिल था। हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि वे आज हमारे बीच नहीं हैं।
मौत पर उठ रहे ये सवाल :
- प्रतिदिन सुबह 10 बजे पहुंचने वाले लाइब्रेरियन पंडित शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे से पहले ही कैसे पहुंच गए?
- क्या उनका काम पेंडिंग था, जिसे निपटाने के लिए वह समय से दो-ढाई घंटे पहले ही पहुंच गए?
- यदि काम पेंडिंग था तो क्या उन्होंने इस संबंध में परिजनों को बताया था?
- बरामद नोट के अनुसार यदि उन्होंने सुसाइड करने का मन लिया था तो ऑफिस को ही इसके लिए क्यों चुना? वे किसी और जगह आत्महत्या कर सकते थे।
- यदि यह सुसाइड है तो इसकी वजह क्या है?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि पंडित की मौत कैसे हुई। जिस परिस्थिति में शव बरामद किया गया है, मौत के बारे में कुछ ही स्पष्ट बताना अभी जल्दबाजी होगी। पुलिस हैंडराइटिंग का भी मिलान करेगी, ताकि लिखा गया नोट पंडित का ही है या फिर किसी और का। परिजनों से शनिवार को मुलाकात कर आवश्यक पूछताछ की जाएगी। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वे इतनी सुबह हाईकोर्ट क्यों और कैसे पहुंचे थे।-रमेश कुमार सिंह, थाना प्रभारी, डोरंडा
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