गुमला. सदर अस्पताल में शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे अचानक बीमार पड़ने के बाद इलाज के लिए आई पतिया बेरटोली निवासी बुधराम खड़िया की चार वर्षीय बच्ची रिया कुमारी की चिकित्सक राहुल देव उरांव के पास पहुंचने से पूर्व ही मौत हो गई। इसके बाद शव को ले जाने के लिए ममता वाहन से संपर्क किया गया। लेकिन ममता वाहन के चालक मशीर अंसारी द्वारा पहले तो शव ले जाने से इंकार किया गया। फिर जाने के एवज में 500 रूपए की मांग की गई। जिसके बाद परिजन शव ले जाने के लिए इधर-उधर दौड़ लगाते रहे।
ममता वाहन के चालक द्वारा पैसे मांगे जाने के बाद गरीबी के कारण मृत बच्ची के परिजन पैसे देने में सक्षम नहीं थे। काफी मशक्कत के बाद परिजनों के पास कोई उपाय नहीं बचा तो वे दोबारा राहुल देव उरांव के पास पहुंचे। फिर डॉक्टर ने कॉल सेंटर में आकर चालक द्वारा राशि की मांग की जाने की जानकारी सेंटर में पदास्थापित अनुज कुमार को दी और शव को भेजवाने में सहयोग करने को कहा। बावजूद परिजनों को गाड़ी नहीं मिली। बाद में पत्रकारों को जानकारी होने पर सदर अस्पताल के बड़ा बाबू सुकरा उरांव ने दूसरे ममता वाहन के चालक समत गोप के माध्यम से शव को गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई।
बच्ची की मां गाेंदरी देवी ने बताया कि शुक्रवार को अचानक बेटी को खेलते-खेलते मिरगी जैसा दौरा पड़ने लगा और वह बेहोश हो गई। जिसके बाद ऑटो के माध्यम से उसे अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब शव ले जाने के लिए ममता वाहन से संपर्क करने पर चालक मशीर अंसारी द्वारा पैसे की मांग की गई। गरीबी के कारण उन्हें पैसे की व्यवस्था करने में परेशानी हो रही थी। उन्होंने कहा कि खेती-बारी से किसी प्रकार उनलोगों का जीविका चलता है। अब बेटी की मौत हो गई। उपर से पैसे की मांग की गई।
चिकित्सक राहुल देव उरांव ने बताया कि बच्ची को जब अस्पताल में लाया गया। उस समय उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों द्वारा मिरगी का दौरा पड़ने जैसी बात कही गई है। उसे क्या बीमारी थी। ये नहीं पता चल पाया। यदि बच्ची के जीवित रहते जांच हो जाती, तो कुछ कहा जा सकता था।
इस संंबंध में बात करने के लिए ममता वाहन के चालक मशीर अंसारी के मोबाइल नंबर 7366967806 व सीएस सुखदेव भगत के नंबर 7992337881 पर कॉल किया गया। लेकिन दोनों ने मीडिया दफ्तर से कॉल आने की जानकारी होने पर पहले कॉल काट दिया। फिर नॉट रिचिबल कर दिया। जिस कारण बात नहीं हो पाई।
इस संबंध में डीएस आरएन यादव ने कहा कि ममता वाहन गर्भवती महिलाओं को लाने व ले जाने के लिए है। शव के लिए अस्पताल का एंबुलेंस है। जिसमें गरीबों को नि:शुल्क सेवा प्रदान की जाती है। परिजनों को अस्पताल के एंबुलेंस से संपर्क करना चाहिए था। ऐसे मैं इस मामले को देखता हूं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today , title:Dainik Bhaskar, url: https://ift.tt/2Ok9Myf , author: ns.support@dainikbhaskar.com (Dainik Bhaskar) , feed_url: https://ift.tt/1PKwoAf, }
0 yorum:
Yorum Gönder