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27 Eylül 2018 Perşembe

जादूगोड़ा: सहकारी बैंक शाखा में 23 फर्जी खाते खोलकर 14.5 करोड़ की अवैध निकासी

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जादूगोड़ा.झारखंड राज्य सहकारी बैंक जादूगोड़ा शाखा में साजिश के तहत फर्जी ऋण खाता खोलकर एक करोड़ 47 लाख 66 हजार रुपए गबन करने का मामला सामने आया है। इसे लेकर गुरुवार को संयुक्त निबंधन सहयोग समिति, दक्षिणी छोटानागपुर, प्रमंडल रांची के अध्यक्ष चंद्रदेव रंजन टीम के साथ बैंक पहुंचकर शाखा प्रबंधक उमेश सिंह से पूछताछ की। संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। हालांकि बैंक में लिंक नहीं होने के कारण कुछ दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके।

रांची के शिकायतकर्ता इनामुल हक ने अपर पुलिस महानिदेशक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को एक पत्र देकर झारखंड राज्य सहकारी बैंक की जादूगोड़ा शाखा में साजिश के तहत फर्जी ऋण खाता खोलकर करीब 14.5 करोड़ गबन करने का आरोप लगाया है।

इसमें कहा गया कि जादूगोड़ा शाखा प्रबंधक उमेश सिंह ने कर्मचारियों की मिलीभगत से 25 मार्च 2015 को कुल 23 फर्जी खाते खाेले। प्रति खाता 6 लाख 42 हजार रु. ट्रांसफर दिखाकर सभी खातों को उसी दिन बंद कर दिया। 26 मार्च 2015 को सभी खातों में जमा राशि शून्य हाे गई।

कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रति खाता 6 लाख 42 हजार रुपए निकाले :शिकायतकर्ता इनामुल हक ने शिकायत की है कि जादूगोड़ा शाख के बैंक मैनेजर उमेश सिंह ने मिलीभगत करके हर खाते से 6 लाख 42 हजार रु. निकाले हैं। कुल 23 खातों का जोड़ एक करोड़ 47 लाख 66 हजार रुपए है। यह पूरी राशि बैंक मैनेजर की साठगांठ से गलत तरीके से हड़प ली गई है।

इनमें हरेराम सिंह, दुर्गा माहली, लुबेन मुर्मू, जैमेत उरांव, असीम कुमार गोप, लक्ष्मी बेलदर, एके गिरि, सुधीर मुखी, रवि शेखर दास, मनदार माहली, मोहनी सिंह, नरेंद्र पात्रो, गणेश सरदार, ठाकुर दास, राम हेंब्रम, संजीव कुंडीवाला, जीर चंद्र गोप, शंकर पात्रो, एके भकत, राजेश हेंब्रम, अरविंद कुमार, चंद्रकला राउत, टीके लाहा आदि का नाम शामिल है।

ऋण की राशि का भुगतान कभी भी कोई बैंक खुद के खाते से नहीं करता, लेकिन शाखा प्रबंधक ने गैरकानूनी तरीके से पूरी रािश गबन करने के उद्देश्य से पहले 23 लोगों के नाम से फर्जी ऋण खाता खोला, फिर कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत से करीब साढ़े 14 करोड़ रुपए की राशि निकाल ली।



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