नरेंद्र अग्रवाल/शहजादा प्रिंस, सिमडेगा.ये कहानी पूरी फिल्मी है...। सिमडेगा जिले के सदर प्रखंड स्थित बीरू बिंधाईनटोली गांव का नेलशन केरकेट्टा 20 साल पहले मानव तस्करों के चंगुल में फंस गया था। सात साल की उम्र में उसे मुंबई की एक कोठी में बेच दिया गया। वहां झाड़ू-पोछा करता...गांव का नाम सिर्फ बीरू याद था।
उसके एक दोस्त को यू-ट्यूब के एक वीडियो के जरिये बीरू के एक व्यक्ति का पता चला। फोन पर बात हुई...नेलशन की कहानी सुनाई। जब पता करता हुए ये व्यक्ति नेलशन के पिता बेनेदिक केरकेट्टा के घर पहुंचा तो पता चला यहां सात साल से एक ठग उनका बिछड़ा बेटा बनकर रह रहा था। सच्चाई पता चली तो ये ठग तो भाग निकला। आखिरकार 20 साल बाद नेलशन शुक्रवार को अपने असली मां-बाप के पास पहुंच पाया।
सात साल से ठग कर रहा था मौज : सात साल पूर्व करीब 20 वर्षीय एक लड़का नेलशन बनकर बेनेदिक के घर आया और खुद के लौट आने की बात कहते हुए उनके यहां रहने लगा। ठग युवक बेनेदिक से जिद करके मांगें पूरी करवाता था और मौज करता था।
यूं मिलवाया यू-ट्यूब ने : नेलशन का एक दोस्त देवेंद्र सकिया दिल्ली में था और हमेशा बीरू गांव के नाम के आधार पर नेलशन के परिवार को ढूंढता रहता था। उसे यू-ट्यूब पर बीरू के नाम से सर्च करने पर बीरू में भजन-कीर्तन के एक कार्यक्रम का वीडियो मिला। वीडियो डालने वाले प्रेम कुमार दास से उसने संपर्क कर नेलशन की पूरी कहानी सुनाई। प्रेम अपने मित्र तुलसी साहू के साथ नेलशन के घर गया और उसके मां-बाप को सच्चाई बताई।
नकली के मोह में असली को नकारा : नकली युवक के पुत्र मोह में फंसे मां-बाप ने प्रेम और तुलसी पर विश्वास नहीं किया। लेकिन धीरे-धीरे ठग का राज खुलने लगा और वह भाग निकला। लोगों ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया और अंतत: शुक्रवार को नेलशन को घर लाया गया।
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