रांची. दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की लॉन्चिंग झारखंड से की गई। यह हमारे राज्य और यहां के सवा तीन करोड़ जनता के लिए गौरव की बात है। अब हमें मिलकर इस योजना को जल्द से जल्द सफल बनाना है। इस योजना के क्रियान्वयन में झारखंड रोल मॉडल बने, इसके लिए हम सब को प्रयास करना है। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्कीपा सभागार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत राज्य के निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।
जन सहयोग से हम व्यवस्था को व्यवस्थित करने में सफल होंगे
उन्होंने कहा- लोग चर्चा करें कि आयुष्मान भारत के क्रियान्वयन को देखना है तो झारखंड जाए, ऐसी व्यवस्था खड़ी करनी है। इससे हमारे राज्य का मान बढ़ेगा। इस योजना का लाभ गरीब, शोषित और वंचितों को मिलेगा। जन सहयोग से हम व्यवस्था को व्यवस्थित करने में सफल होंगे।
जल्द ही स्टेट हेल्थ एडवाइजरी कमिटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जल्द ही स्टेट हेल्थ एडवाइजरी कमिटी बनाई जाएगी, जिसमें निजी अस्पतालों के संचालक भी प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे। इस कमेटी के अंतर्गत एक टेक्निकल कमिटी भी होगी, जो योजना लागू करने में आ रही समस्याओं व अस्पतालों की समस्याओं पर चर्चा कर सुझाव देगी। इस कमेटी की बैठक हर माह होगी। एडवाइजरी कमेटी की अनुशंसा को राज्य सरकार लागू करेगी। जनहित में हर प्रकार का निर्णय लागू करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
सभी लाभुकों को इसका पूरा लाभ मिले
उन्होंने कहा कि जन सहयोग से व्यवस्था को अच्छी तरह से लागू किया जा सकता है। अस्पतालों की जो परेशानियां है, उसे दूर करने के लिए सरकार पूरी तरह से तत्पर है। उसी प्रकार सरकार अस्पताल से भी योजना के तहत आने वाले सभी लाभुकों को इसका पूरा लाभ मिले, इसे सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह बहुत बड़ा कार्य है। बड़े कार्य को व्यवस्थित करने में कठिनाई आती है। शुरू में आलोचनाएं भी होंगी, लेकिन उससे घबराना नहीं है। आलोचना को अवसर बनाकर हमें काम करना है। हम मानते हैं कि अभी व्यवस्था में कमी है लेकिन हमारी सोच और हमारे इरादों में कमी नहीं है। मजबूत सोच और इरादों के साथ काम करने पर सफलता अवश्य मिलती है।
आरोग्य मित्र व मेडिकल कोऑर्डिनेटरकी भूमिका महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री ने अस्पताल संचालकों से कहा कि मरीजों की मदद के लिए तैनात आरोग्य मित्र व मेडिकल कोऑर्डिनेटर को सही जानकारी दें। उन्हें मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनकी हर प्रकार से मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही इस बात का भी अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें कि इस योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डन कार्ड की जरूरत नहीं है। जिस किसी के पास भी राशन कार्ड है, वह राशन कार्ड ले जाकर अस्पताल में दिखाएं, योजना का लाभ लेने के लिए यही काफी है।
ये थे उपस्थित
इस मौके पर मेडिका अस्पताल के अनिल कुमार, जैन अस्पताल बोकारो, मेधा अस्पताल देवघर के डॉ. निर्मल कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक लक्ष्मण लाल और एनआईसी के प्रतिनिधियों ने एमओयू का आदान प्रदान किया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, एनएचएम के प्रबंध निदेशक कृपानंद झा, राज्य में आयुष्मान भारत के निदेशक दिव्यांशु झा, नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस के डीएस पिंटे समेत बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों के संचालक उपस्थित थे।
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