खूंटी. अड़की-बंदगांव के सीमावर्ती लोंगकाटा जंगल में 29 जनवरी को हुए पुलिस मुठभेड़ मामले में नया मोड़ आ गया है। गुप्त सूचना पर नही बल्कि पुलिस ने खास रणनीति के तहत कार्रवाई की थी। मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादी संजय ओड़ेया की मंगेतर की बात से कम से कम यही लगता है। संजय की मंगेतर की मानें तो संजय को पुलिस ने अपना मुखबिर बनाकर लोंगकाटा जंगल भेजा था।
मंगेतर ने कहा- संजय ने उसे दी थी जानकारी
मंगेतर ने बताया कि 28 जनवरी को संजय ने उससे कहा कि एएसपी (अभियान) अनुराग राज ने कहा है कि यदि तुम उग्रवादियों को पकड़वा में मदद करोगे तो तुम्हें प्रतिमाह छह हजार रुपये दिए जाएंगे। इसी के बाद 28 जनवरी को बुलाकर कुछ इलेक्ट्रोनिक सामान दिये और कहा कि इसे अपने पास लेकर जाना। इसके माध्यम से लोकेशन का पता चल जाएगा। मंगेतर ने बताया कि जाने से पहले संजय ने यह सारी बात बतायी थी। उन्होंने कहा कि तुम उनके पास समोसे लेकर जाना और उन्हें खिला देना। साथ ही नींद की भी दवा दी।
संजय को छोड़ देने की कही थी बात
संजय की मंगेतर ने बताया कि एएसपी ने संजय को कहा था कि समोसे खाने के बाद उन लोगो को प्यास लगेगी, तो उन्हें पानी में नींद की दवा घोलकर पिला देना। जब वे लोग सो जाएंगे तो हम उन्हें पकड़ लेंगे और तुम्हें छोड़ देंगे। लेकिन पुलिस ने तो उग्रवादियों के साथ-साथ उसे भी मार डाला। यदि मंगेतर का यह बयान सच है तो इससे इंकार नही किया जा सकता है कि अब पुलिस भी कम उम्र के लोगो को अपना ढाल बना रही है। यहां बता दें कि संजय ओड़ेया की उम्र महज 16 साल थी। यह वही संजय है जो जिस लड़की के अपहरण के मामले में जेल गया था उसी से शादी करने वाला था।
एएसपी ने कहा- उसकी बातों में कोई सच्चाई नहीं
एएसपी अभियान अनुराग राज ने संजय ओड़ेया के मंगेतर की बातों को पुलिस को बदनाम करने वाला बताया है। उसकी बातों में कोई सच्चाई नही है। पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है लेकिन अब पुलिस काे बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। किसी के मरने के बाद तो कुछ भी कहा जा सकता है।
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