{content: पीएलएफआई के साथ 29 जनवरी को हुई पुलिस मुठभेड़ और इसमें 5 उग्रवादियों के एनकाउंटर पर अब मारे गए लोगों के परिजनों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। मुठभेड़ में मारे गए 4 लोगों की पहचान बुधवार तक हो गई थी। गुरुवार को पांचवें 'उग्रवादी' की शिनाख्त करने वाले परिजनों का दावा है कि वह नारंगा का रहने वाला संत थॉमस सोय था। उम्र 10 साल, मुरहू के एक स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र। संत थॉमस सोय के चचेरे भाई के मुताबिक वह 21 जनवरी से घर नहीं लौटा था। उन्होंने संत थॉमस सोय का आधार कार्ड भी मौके पर दिखाया। उधर, एडीजी आशिष बत्रा व खूंटी एसपी आलोक का दावा है कि मारा गया उग्रवादी 18-20 साल का है और जो आधार कार्ड दिखाया जा रहा है वह फर्जी है।
परिजन लाए 'उग्रवादी' का आधार...पुलिस के मुताबिक ये निराधार है
संत थॉमस सोय की मां व शव लेने आए परिजनों का कहना था कि उन्हें नहीं पता कि वह मुठभेड़ स्थल पर कैसे पहुंचा। उन्हें लगा था कि वह मुचिया में खेल प्रतियोगिता देखने गया है।
मुठभेड़ में मारे गए 16 साल के अातंकी की मंगेतर बोली-वह तो पुलिस का मुखबिर था
इसी मुठभेड़ में मारे गए 16 वर्षीय संजय अोड़ेया की मंगेतर का आरोप है कि संजय खुद पुलिस का मुखबिर था। 28 जनवरी को संजय ने उसे बताया कि एएसपी ने कहा है कि उग्रवादियों को पकड़वाओगे तो तुम्हें प्रतिमाह 6000 रुपये दिए जाएंगे। पुलिस ने संजय को जीपीएस भी दिया था। उधर, एएसपी अभियान अनुराग संजय ने कहा कि ये पुलिस को बदनाम करने की साजिश है।
मारा गया उग्रवादी 18-20 वर्ष का था
मेरी जानकारी में मारा गया उग्रवादी 18-20 वर्ष का है। फिर वह चौथी कक्षा का छात्र कैसे हो सकता है। जो आधार कार्ड दिखाया जा रहा है वह फर्जी है। - आशिष बत्रा, पुलिस प्रवक्ता, आईजी एसटीएफ-ऑपरेशन
अगर बच्चा था तो वहां क्या कर रहा था
जो मारे गए, वह सभी बालिग थे। किसी के भी शरीर से ये नहीं लगता कि वह 10 साल का था। फिर भी हम जांच करवा रहे हैं। रातभर पहाड़ी पर कार्रवाई हुई, वहां बच्चा क्या कर रहा था? - आलोक, खूंटी एसपी
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