रांची. रिंग रोड बनाने के लिए दुमका की शांति मुर्मू के घर और कुआं का अधिग्रहण कर लिया गया। वह किराए के घर में रह रही है। पांच साल बीत जाने के बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। गुरुवार को मुख्यमंत्री के सीधी बात कार्यक्रम में यह मामला आने के बाद सीएम रघुवर दास ने जब भू-राजस्व सचिव केके सोन से देरी का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि प्रक्रिया जारी है, एक माह में इसे पूरा कर कैबिनेट को भेज देंगे। इस पर मुख्यमंत्री नाराज हो गए। कहा हमें प्रक्रिया समझा कर उलझाओ मत, बताओ कि उसे पेमेंट कब मिलेगा। सोन ने कहा कि पथ प्रमंडल से आवंटन की मांग की गई है। सीएम बोले, हमें टाइम बांड काम चाहिए। प्रक्रिया के चक्कर में पब्लिक को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सभी एसपी सुन लें, थाने में केस दर्ज करने का पैसा मांगा जा रहा
सरायकेला-खरसावां के सत्य किंकर वर्मा ने कहा कि उनकी तीन एकड़ जमीन को रजिस्टर-टू में गलत ढंग से अंकित कर अधिग्रहित जमीन दिखा दिया गया है। सीओ से पूछने पर घूस की मांग की जाती है। कहा जाता है कि जहां जाना है, जाओ, लौट कर मेरे पास ही आना होगा। किंकर वर्मा ने यह भी कहा कि सर, सभी थाना में केस दर्ज करने के लिए भी मुंशी रिश्वत मांगता है। सभी जगह यही हाल है। मुख्यमंत्री ने राज्यभर के एसपी से कहा कि आपलोग सुन लें। आम जनता क्या कह रही है। यह चिंता की बात है, आखिर थाने किस लिए खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि कोई रिश्वत नहीं मांगे, यह सुनिश्चित कराएं। डीसी से कहा कि रजिस्टर टू में जो गलती हुई है, उसे एक सप्ताह के भीतर सुधारें।
कुज्जू थानेदार को आज ही सस्पेंड करें
रामगढ़ के वीरेंद्र महतो ने कहा कि उन्होंने पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया। कुज्जू थाने में जब वेरिफिकेशन के लिए आया, तो उन पर चार मुकदमा दर्ज होने की रिपोर्ट दे दी गई, जबकि उनपर एक भी मामला दर्ज नहीं है। जांच में यह बात साबित हो चुकी है। रामगढ़ एसपी ने कहा कि थानेदार को शो-कॉज किया गया है। सीएम बोले, शो कॉज नहीं, उसे आज ही सस्पेंड करो। पासपोर्ट की तुरंत जरुरत होगी, तब तो वह अफसरों की लापरवाही के कारण फंस गया। युवाओं के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
टेट पास नहीं, जिस स्कूल ने बहाल किया वही भुगतान करे
जमशेदपुर के कदमा की रेणुका महिधर एवं अन्य छह शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने की शिकायत पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेन्द्र प्रताप ने बताया कि अल्पसंख्यक विद्यालयों में शिक्षक की नियुक्ति विद्यालय प्रबंधन समिति करती है। यहां राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत एवं चिन्हित पद का वेतन ही सरकार देती है। इसके लिए नियमानुसार टीचर को इंटर पास एवं शिक्षक प्रशिक्षण (डीएलएड) तथा टेट पास होना जरूरी है। अन्यथा पैसे नहीं दिए जाएंगे। जिस स्कूल ने इनकी सेवा ली है, वही इनका भुगतान करेगा।
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