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31 Aralık 2018 Pazartesi

राजधानी के लिए रहा बदलावों भरा साल

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रांची. राजधानी के लिए वाकई में ये साल बदलाओं से भरा रहा। खास बात ये रही कि ये सभी बदलाव एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाले रहे। रांची के ट्रैफिक दबाव को कम करने की कवायद कुछ-कुछ रंग लाती दिखी तो धर्म और शिक्षा के क्षेत्र में भी लोगों ने बड़ बदलाव देखे।

  1. जमशेदपुर के बिशप फेलिक्स टोप्पो ने 6 अगस्त को आर्च डायसिस रांची के आर्च बिशप का पद ग्रहण किया था। चर्च के इस पूरे क्षेत्र में सबसे बड़े पद पर ये बदलाव 34 साल बाद हुआ। रांची के पूर्व आर्च बिशप तेलेस्फोर पी टोप्पो ने विभिन्न आर्च डायसिस के 20 बिशपों की मौजूदगी में आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो को कलीसिया की सफल चरवाही का प्रतीक मेषपालीय दंड सौंप विधिवत उन्हें रांची आर्च डायसिस का कार्यभार सौंपा।

  2. इस साल शहर में दो ऐसे काम हुए हैं जो आने वाले समय में राजधानी की सूरत बदलने वाले होंगे। पहला, कचहरी रोड पर राज्य का पहला वेंडर मार्केट बनकर तैयार हो गया। एमजी रोड पर ट्रैफिक जाम की मुख्य वजह माने जाने वाले फुटपाथ दुकानदारों को यहां शिफ्ट किया जाएगा। यानी अब एमजी रोड जाम से मुक्त हो पाएगा। रांची को जाममुक्त बनाने की दिशा में दूसरा बड़ा काम ये हुआ कि तमाम विरोध के बावजूद जमीन खाली करवा कांटाटोली फ्लाईओवर का काम शुरू हो गया। जमीन अधिग्रहण और पाइप लाइन को लेकर काम में कई रुकावटें आई। पर, अब काम तेजी से हो रहा है। 2019 में ये बनकर तैयार भी हो जाएगा। इस फ्लाईओवर के बनने से लालपुर, कांटाटोली, स्टेशन समेत बड़े इलाके में ट्रैफिक जाम से निजात मिल पाएगी।

  3. 15 नवंबर को झारखंड स्थाना दिवस के मौके पर राजधानी में आयोजित समारोह के बीच प्रदर्शन करने पहुंचे पारा शिक्षकों पर पुलिस के लाठीचार्ज से एक ऐसा मुद्दा खड़ा हो गया, जो जाते हुए साल में तो हल नहीं हो पाएगा। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नियमितीकरण की मांग कर रहे पारा शिक्षकों की हड़ताल 15 नवंबर से शुरू हुई तो अब तक जारी है। राज्य के 9700 से ज्यादा सरकारी स्कूलों पर ताले लटके हुए हैं।

  4. रिम्स में 3-4 जून को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल नहीं भूलने वाली है। इस हड़ताल में इंटर्न, नर्सें और पारामेडिकल स्टाफ भी उनका साथ दे रहे थे। स्थिति ये थी कि नर्सों ने रिम्स इमरजेंसी मेन गेट बंद कर दिया। जो मरीज अंदर आ गए, उन्हें भी धक्के देकर बाहर निकाल दिया। मरीजों के अटेंडेंट जब उनसे इंजेक्शन आदि की जिद कर हंगामा करने लगे, तो नर्सों ने लाठी लेकर दौड़ाया।

  5. 7 लोगों ने की सामूहिक खुदकुशी
    जुलाई 2018 में रांची में एक परिवार के सात लोगों ने सामूहिक खुदकुशी कर ली। कांके प्रखंड के अरसंडे में हुई इस घटना से पूरा इलाका स्तब्ध हो गया। परिवार कर्ज में डूबा था। मृत लोगों में दो बच्चे और पांच व्यस्क थे।
    सच्चिदानंद झा (69)
    सोनी झा (35)
    रूपेश झा (32)
    दीपक झा (40)
    गायत्री झा (63)

    निर्मल हृदय से ही बच्चों का कारोबार
    बाल आश्रयगृह निर्मल हृदय से ही बच्चों के कारोबार की खबर ने पूरे शहर को चौंका दिया। जांच शुरू हुई और गृह की दो सिस्टर अनिमा व सिस्टर कोनसिलिया बाखला के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।

    सीएम हाउस क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल
    सीएम आवास के समीप न्यू पुलिस लाइन के गेट पर एसपीओ बैजनाथ दास उर्फ बुधु दास की 3 बाइक सवार अपराधियों ने सितंबर में हत्या कर दी थी। घटना के बाद राज्यपाल ने डीजीपी को बुलाकर अपराध पर कंट्रोल करने का निर्देश दिया था।

  6. राजधानी के लोगों को 2018 में 24 घंटे शुद्ध पानी पिलाने की योजना थी, लेकिन काम पूरा नहीं होने से आपूर्ति नहीं हो सकी।
    रातू रोड और हरमू रोड में फ्लाईओवर बनाने का काम जमीन विवाद के कारण शुरू नहीं हुआ।
    रांची रेलवे स्टेशन का रि-डेवलपमेंट और स्टेशन की दूसरी तरफ के इंट्री गेट का काम 2018 में ही पूरा करना था, पर नहीं हुआ।

    ...और जो हो न सका
    स्वर्णरेखा नदी की साबरमती की तर्ज पर विकसित करने की योजना फाइल में ही रह गई।
    2018 में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से 24 घंटे हवाई सेवा शुरू की गई। 6 माह चालू रहने के बाद बंद हो गया।
    शहर के बीच से गुजरने वाली हरमू नदी के जीर्णोद्घार व सौंदर्यीकरण का काम वर्ष 2015 में शुरू हुआ। पर पूरा नहीं हुआ।



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      15 नवंबर को पारा टीचर्स पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
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