{content: चान्हो | मृदा विभाग एवं कृषि रसायन विभाग बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कांके, रांची के द्वारा चान्हो प्रखंड के गुटूवा गांव मे सोमवार को दीर्घकालिक उर्वरक प्रयोग से प्राप्त सबक विषय पर तकनीकी जानकारी दी गई। मौके पर उपस्थित परियोजना अन्वेषक ने दीर्घकालिक उर्वरक एवं खाद के प्रयोग से फसल पर पडऩे वाले प्रभाव की जानकारी किसानों को दी। साथ ही सफल खेती के लिए किसानों को मिट्टी का स्वास्थ्य बनाए रखने मे फसलवार संतुलित उर्वरक की उपयोगिता एवं लाभ की भी जानकारी दी। बुआई के समय कतारों मे 2 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से बुझा चुना अथवा डोलोमाइट अथवा 3-4 टन गोबर के साथ संतुलित उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए। इस मौके पर रबी फसल मे कीट नियंत्रण के तरीकों को भी बताया गया।
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