रांची। झारखंड के मांडर की रहने वाली सुनीता टोप्पो दिल्ली स्थित बसंत विहार में जिसके घर में बंधक थी, वह सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ही हैं। झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने बताया कि पीड़ित सुनीता ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की फोटो देखकर उनकी पहचान की। पीड़िता को 25 अक्टूबर को दिल्ली से रेक्स्यू किया गया था।
लड़की से दिन-रात काम कराते थेवर्मा और नहीं देते थे पैसा
सुनीता ने बताया है कि वर्मा के घर में उससे दिन-रात काम करवाया जाता था, मगर इसके पैसे नहीं मिलते थे। उनकी पत्नी अच्छा व्यवहार नहीं करती थीं। घर से बाहर जाने पर भी पाबंदी थी। उसके बयान के आधार पर ही महिला थाने ने एफआईआर दर्ज की है। इसमें आलोक वर्मा के अलावा सुनीता को गांव से दिल्ली ले जाने वाली महिला निशी और उसे आलोक वर्मा के घर पहुंचाने वाले बिहार निवासी गोविंद का भी नाम शामिल है।
डर के कारण नहीं हो रही थी रिपोर्ट दर्ज कराने की हिम्मत
महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने कहा कि सुनीता ने बयान देते समय बताया कि रेस्क्यू कराने के बाद कई लोगों ने उसे डरा दिया था। इसीलिए वह एफआईआर दर्ज कराने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। बुधवार को घर वालों से बातचीत के बाद वह आयोग की अध्यक्ष के सामने बयान देने के लिए राजी हुई। केंद्रीय सरना समिति ने इस मामले में पीड़िता के साथ मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलने की तैयारी की है। मुख्यमंत्री से मामले में निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया जाएगा।
तस्वीरों पर लिखवाया नाम
पहचान के लिए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की 8-10 तस्वीरें सुनीता को दिखाई गईं। आयोग ने सभी तस्वीरों की पहचान कराके सुनीता से उन पर आलोक वर्मा का नाम भी लिखवा लिया है ताकि सबूत के तौर पर पेश किया जा सके।
आलोक वर्मा की पहचान सुनीता ने की है। सीबीआई डायरेक्टर के आवास पर ही वह रहती थी। दोषी जो भी है उनपर कार्रवाई होनी ही चाहिए। - कल्याणी शरण, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today , title:Dainik Bhaskar, url: https://ift.tt/2zhSBUz , author: ns.support@dainikbhaskar.com (Bhaskar News) , feed_url: https://ift.tt/1PKwoAf, }
0 yorum:
Yorum Gönder