{content: रांची जिले में डोर टू डोर वेरिफिकेशन शुरू होने के बाद से अब तक दो माह में करीब 11 हजार कार्ड सरेंडर हो चुके हैं। सरेंडर करने वालों में संपन्न परिवार के साथ सरकारी कर्मचारी और बिजनेसमैन भी हैं। जांच के दौरान स्वेच्छा से कार्ड सरेंडर करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लेकिन, संपन्न होने या परिवार के सदस्य द्वारा सरकारी नौकरी करने के बाद भी कार्ड सरेंडर नहीं करने वाले करीब 16 लोगों के खिलाफ जिला आपूर्ति कार्यालय ने नोटिस जारी किया है। राशन कार्ड से गरीबों को एक रुपए की दर से सरकार चावल उपलब्ध कराती है। लेकिन, संपन्न लोग राशन कार्ड बनाकर गरीबों का हक मार रहे हैं।
ऐसे आया था पकड़ में
डीएसओ नरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जरूरतमंदों का कार्ड बनाने का अभियान करीब 4 माह पहले शुरू किया था। रिक्तियां नहीं रहने से उनका कार्ड नहीं बन पाया था। इस बीच पलामू जिले में एक सरकारी अधिकारी द्वारा अंत्योदय कार्ड रखने का मामला सामने आया। तब खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव ने सभी जिलों में अयोग्य लोगों की पहचान कर राशन कार्ड को निरस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद से अभियान चल रहा है।
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