रांची. ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट में शुक्रवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि रांची के गेतलसूद में उन्होंने मेगा फूड पार्क का भूमि पूजन किया था। उद्घाटन भी हुआ, लेकिन यह एनपीए में चला गया। अब इसे पतंजलि चलाएगा। अगले साल से यहां उत्पादन शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड जितना भी शहद और ऑर्गेनिक खाद्यान्न का उत्पादन करेगा, पतंजलि उसे बाजार मूल्य से सवा से डेढ़ गुना मूल्य पर खरीदेगा।
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उन्होंने कहा- शहद के लिए बनने वाले प्रोसेसिंग प्लांट में भी पतंजलि झारखंड सरकार का सहयोग करेगा। इसके लिए जल्दी ही एमओयू होगा। इससे पहले चैंबर भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अगले साल विश्व योग दिवस पर रांची में तीन दिवसीय योग कार्यक्रम करने की भी घोषणा की। कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि इस आयोजन से सरकार को करीब 1500 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। बाबा रामदेव ने कहा-अगले साल योग दिवस पर रांची में तीन दिन के योग कार्यक्रम का आयोजन होगा।
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योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि श्री राम राजनीतिक मुद्दा नहीं हैं। यह देश की अस्मिता का सवाल है। भले ही राम को कोई आदर्श राजा के रूप में तो कोई भगवान के रूप में पूजता है। लेकिन राम देश के स्वाभिमान हैं। इसलिए अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनना ही चाहिए। वर्तमान में केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। अगर मंदिर नहीं बना, तो भाजपा सरकारों से जनता का भरोसा टूटेगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बजरंग बली को दलित बताए जाने पर बाबा रामदेव ने कहा कि उनकी जाति किसी शास्त्र में लिखी नहीं है। गुण, कर्म और स्वभाव से तो वह ब्राह्मण हैं, योगी हैं और योद्धा हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में जन्म के आधार पर जाति की व्यवस्था नहीं है।
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बाबा अब योगी नहीं पूंजीपति हो गए हैं, सवाल के जवाब में बाबा रामदेव ने कहा कि दुनिया के कहने से मेरा चरित्र नहीं बदलेगा। जन्म से मैं किसान का बेटा और कर्म से ऋषि हूं। कर्म से राष्ट्र के लिए उपयोगी भी। पतंजलि यूनिलीवर, कोका कोला और हिन्दुस्तान लीवर जैसी कंपनियों की तरह भारत को लूटने का काम नहीं कर रही।
योग गुरु बाबा रामदेव झारखंड में पतंजलि मॉल व पतंजलि परिधान स्टोर खोलने पर विचार कर रहे हैं। दैनिक भास्कर के सतीश कुमार से उन्होंने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश :
देश के किसान नाराज हैं, आज उन्होंने दिल्ली में संसद मार्च किया। सरकार को क्या करना चाहिए, जिससे इनकी नाराजगी दूर हो सके।
- देखिए, किसानों की जायज मांगें सिर्फ सुनने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनका जल्द से जल्द समाधान करना होगा। हमारे अन्नदाता नाराज रहेंगे, तो देश के विकास की रफ्तार कम हो जाएगी। लेकिन इसके लिए सिर्फ वर्तमान सरकार को दोषी ठहराने से काम नहीं चलेगा। हालांकि हाल के वर्षों में किसानों और कृषि की उन्नति के लिए काम शुरू किए गए हैं।
आप समाधान के उपाय बताएं।
- कर्मचारियों व अधिकारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। किसानों के लिए किसान आय आयोग बनाने पर सरकार क्यों नहीं विचार कर रही है। आयोग का गठन हो और उसकी अनुशंसाओं को लागू करें। दूसरा, कर्ज से मुक्ति दिलाना तात्कालिक उपाय हो सकता है, दीर्घकालीन उपाय है कि एग्रीकल्चर पॉलिसी में बदलाव लाएं। तीसरा, कम लागत में ज्यादा उपज प्राप्त करना होगा। खेती को फायदे का बिजनेस बनाना होगा।
कृषि के क्षेत्र में झारखंड में सबसे ज्यादा संभावना किस फील्ड में नजर आती है।
- यहां आर्गेनिक खेती, फूड प्रोसेसिंग और दूध उत्पादन के क्षेत्र में काफी अधिक संभावनाएं हैं। मैं भी मेगा फूड पार्क शुरू करने जा रहा हूं।
झारखंड को आपकी ओर से क्या सौगात दी जाएगी।
- हंसते हुए, यहां आचार्य कुलम खोला जा रहा है, जहां माडर्न एजुकेशन की व्यवस्था होगी। यह रांची का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बनेगा।
पांच राज्यों में चुनाव चल रहे हैं। इन राज्यों में किस पार्टी की सरकार बनने की संभावना नजर आ रही है।
- किस दल को बहुमत मिलेगा, यह अभी कहना मुश्किल है। हां इतना जरूर कह सकता हूं, जिस पार्टी की भी सरकार हो, उसके समक्ष चुनौतियां काफी अधिक होंगी।
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