रांची. तीरंदाज सिल्वर गर्ल मधुमिता कुमारी ने कहा कि इंटरनेशनल तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में मैं 12 बार खेली हूं। इसमें 11 बार हार चुकी हूं। इस हार से ही जीत का रास्ता निकला है। इसलिए मेरा मानना है कि फेल से पास होने का मार्ग निकलता है। मधुमिता सोमवार को आरयू के आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह के उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहीं थी। मधुमिता ने कहा- मैं रामगढ़ की रहने वाली हूं। सुदेश महतो और बिरसा मुंडा आर्चरी एकेडमी की चेयरमैन नेहा गुप्ता ने काफी मदद की। वीसी डॉ. रमेश कुमार पांडेय व प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार हमेशा सपोर्ट के लिए तैयार रहे, जिसके कारण यह सफलता मिली है।
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इस अवसर आरयू की ओर से वीसी प्रो. डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने मधुमिता को एक लाख रुपए का नगद चेक और उनके मुख्य कोच प्रकाश राम को 25 हजार रुपए का चेक पुरस्कार स्वरूप दिए। वीसी ने कहा कि मधुमिता अनुमति प्रदान करे तो रांची यूनिवर्सिटी अपना ब्रांड अंबेस्डर बनाएगी। इससे पहले मधुमिता समेत अन्य अतिथियों का स्वागत डीएसडब्ल्यू डॉ. पीके वर्मा ने किया। संचालन डॉ. कमल बोस और धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी ने किया।
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वीसी डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर स्टूडेंट्स परिश्रम करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। मधुमिता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। किसी स्टूडेंट्स के लिए रांची विवि में पहली बार इतना बड़ा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। स्टूडेंट्स की सफलता में उनके प्रशिक्षक का अहम योगदान होता है। स्टूडेंट्स भी यूनिवर्सिटी के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
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आरयू की प्रोवीसी प्रो. कामिनी ने कहा कि इंटरनेशनल तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के कारण मधुमिता स्नातक पार्ट टू की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी। पूजा अवकाश के बाद मधुमिता के लिए स्पेशल एग्जाम आयोजित की जाएगी। मधुमिता आरयू के सिल्ली कॉलेज सिल्ली की स्टूडेंट्स है। सिल्वर पदक जीतकर इतिहास रचने वाली मधुमिता ने रांची विवि का मान बढ़ाया है। मौके पर एफए एस मुखोपाध्याय, शेखर बोस, एफओ केके वर्मा, डीआर प्रीतम कुमार, प्रो. अशोक कुमार सिंह, डॉ. राजीव सिंह, सहायक कोच शिशिर कुमार समेत काफी संख्या में स्टूडेंट्स थे।
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डीएसपीएमयू के पूर्व एक्टिंग वीसी सह जेएन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. यूसी मेहता ने कहा कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही है। क्योंकि बिरसा मुंडा आर्चरी एकेडमी की चेयरमैन हमारी बेटी नेहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि मधुमिता देश के लिए एक दिन अवश्य गोल्ड लेकर आएगी। सिल्ली कॉलेज के सचिव मुकुंद मेहता ने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से मधुमिता से अपेक्षित सहयोग मिला है।
मधुमिता के मुख्य कोच प्रकाश राम ने कहा कि प्रतिस्पर्धा और परीक्षा की तिथि टकरा गई थी। वीसी समेत अन्य अधिकारियों से मधुमिता के साथ मिली थी। तब वीसी दो टूक कहा था कि खेल पर ध्यान दें, परीक्षा बाद में हो जाएगी। मेडल जीतने के बाद रांची एयरपोर्ट पर वापस लौटा तो वीसी-प्रोवीसी समेत अन्य अधिकारी इंतजार कर रहे थे। इससे बड़ा सम्मान किसी भी स्टूडेंट्स के लिए क्या हो सकता है।
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