{content: रांची यूनिवर्सिटी की प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में हुए क्रांति में फिजिक्स का अहम योगदान है। तीन दिवसीय नेशनल सिंपोजियम में फिजिक्स के पठन-पाठन को सरल और सहज बनाने की दिशा में जो कार्य हुए हैं इसका लाभ स्टूडेंट्स को मिलना चाहिए। कॉलरों द्वारा प्रस्तुत किए गए रिसर्च पेपर से भी तकनीक की कई अहम जानकारी निकली होगी। अब शिक्षकों को देखना होगा कि वे इसका फायदा किस तरह से छात्रों तक पहुंचाते हैं। वह बुधवार को समापन कार्यक्रम में बोल रहे थे। विषय इनोवेशन एंड एक्सीलेंस इन फिजिक्स टीचिंग एंड रिसर्च था। कार्यक्रम में आईएपीटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. एचसी प्रधान, महासचिव डॉ. भूपति चक्रवर्ती, संयोजक मितेश चक्रवर्ती व डॉ. आशालता सिन्हा ने भी बातें रखी। तीन दिनी कार्यक्रम में आठ तकनीकी सेशन हुए। इसमें 60 रिसर्च पेपर, 20 पोस्टर, तीन प्लेनरी व्याख्यान हुआ। आईएपीटी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार की सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षाओं में विजेता टॉप थ्री को पुरस्कृत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन आईएपीटी के सचिव डॉ. एसएन तिवारी ने किया।
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