{content: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में 16.56 करोड़ की लागत से बना मल्टी स्टोरेज पार्किंग एक साल बंद पड़ा है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मई 2017 को किया था। इस पार्किंग का निर्माण रिम्स के डॉक्टर व कर्मचारियों के वाहनों के लिए किया गया था, लेकिन आज तक पार्किंग स्थल में एक भी वाहन नहीं लगा है। जबकि, इस तीन मंजिला पार्किंग में 300 चार पहिया और करीब 200 दो पहिया वाहन एक साथ खड़े हो सकते हैं। इसके बाद भी इसके इस्तेमाल को लेकर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि, इसके इस्तेमाल से रिम्स परिसर में वाहनों का हुजूम नजर नहीं आता। लेकिन डॉक्टर व पीजी स्टूडेंट्स अपने वाहन को यहां लगाने पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। रिम्स प्रबंधन भी पार्किंग को शुरू कराने को लेकर बहुत गंभीर नहीं है।
खाली पड़ी मल्टी स्टोरेज पार्किंग
कई वाहन हो चुके हैं चोरी : रिम्स में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण अक्सर अस्पताल परिसर से वाहनों की चोरी होती रहती है। आम लोगों के अलावा पीजी स्टूडेंट, एमबीबीएस स्टूडेंट व परिजनों के वाहन भी चोरी हो चुके हैं। क्योंकि, यहां पार्किंग करने वाले को खुद अपनी सुरक्षा के जिम्मेदार हैं। जबकि, मल्टी स्टोरेज पार्किंग के इस्तेमाल होने से वाहनों की चोरी की घटनाएं कम होने की उम्मीद है।
निदेशक के आदेश का नहीं हुआ कोई असर : पार्किंग को लेकर रिम्स के डॉक्टरों की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर और जूनियर डॉक्टर के बीच छह सितंबर को हाथापाई हुई थी। रिम्स अधीक्षक कार्यालय के सामने वाहन खड़ी करने पर विवाद हुआ था। इसके बाद निदेशक ने रिम्स के डॉक्टरों, कर्मचारियों और स्टूडेंट को अपनी गाड़ियां मल्टीलेवल पार्किंग में लगाने का आदेश जारी किया था। उन्होंने आदेश दिया था कि पार्किंग इमरजेंसी या अधीक्षक कार्यालय के सामने नहीं की जाएगी। पर कोई असर नहीं हुआ। डॉक्टर से लेकर आम लोगों की गाड़ी रिम्स परिसर में ही खड़ी रहती है।
रिम्स परिसर में लगे वाहन
अस्पताल जाने के रास्ते में रहता है हमेशा जाम : पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण अस्पताल के रास्ते में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। परिसर के चारों ओर वाहन बेतरतीब ढंग से खड़े रहते हैं। इंट्री से लेकर इमरजेंसी तक रोड के दोनों ओर गाड़ियों के कारण एंबुलेंस का पहुंचना मुश्किल है। इतना ही नहीं रिम्स के सभी गेट पर गाड़ियों का कब्जा रहता है। इसकी वजह से हमेशा जाम की समस्या बनी रहती हैै। आए दिन एंबुलेंस जाम में फंस जाती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रबंधन करोड़ों की लागत से बने पार्किग को चालू करने पर क्यों नहीं इच्छाशक्ति दिखा रहा है।
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