रांची। सोमवार की शाम को रांची पुलिस की एक टीम दिल्ली में रेस्क्यू की गई एक युवती को लेकर राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 20840) से रांची के लिए रवाना हुई...। बिल्कुल आम सा लगता मामला दरअसल बिल्कुल खास था। इस युवती सुनीता टोप्पो को दिल्ली के बसंत विहार में आलोक वर्मा के घर से रेस्क्यू किया गया था। ये आलोक वर्मा विवादों में फंसे सीबीआई निदेशक हैं या कोई और...इस मुद्दे पर दिल्ली महिला आयोग से लेकर रांची पुलिस तक चुप है।
जब टीम ने सुनीता से पूछा कि आलोक वर्मा कौन हैं तो पुलिसकर्मियों ने जवाब देने से रोक दिया
युवती से बात करने के लिए भास्कर टीम मंगलवार को बोकारो स्टेशन से ही राजधानी एक्सप्रेस में चढ़ी। ए-5 बोगी में बैठी युवती से बातचीत की कोशिश की तो हर बात में उसे ला रही पुलिस टीम के एएसआई योगेंद्र कुमार बीच में टोकते रहे, उसे जवाब देने से मना करते रहे। जब टीम ने सुनीता से पूछा कि आलोक वर्मा कौन हैं तो पुलिसकर्मियों ने जवाब देने से रोक दिया। उसी समय ट्रेन मुरी स्टेशन पर यार्ड लाइन से गुजर रही थी। भास्कर टीम के सवालों का जवाब देने के बजाय यहां ट्रेन रुकवाकर पुलिस टीम सुनीता को लेकर ट्रैक पर ही उतर गई और भाग गई। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना था कि मुरी में राजधानी एक्सप्रेस को तकनीकी कारणों से दो मिनट के लिए रोका गया था। मगर एएसआई के पास उच्चाधिकारी का फोन आने और उसी समय ट्रेन के रुकने से रेलवे अधिकारियों के जवाब पर भी संशय पैदा होता है।
उधर, सुनीता से बात करने के लिए रांची स्टेशन पर मीडियाकर्मी व राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण पहुंचीं हुईं थीं। राजधानी एक्सप्रेस के रांची पहुंचने पर जब उन्हें पता चला कि पुलिस टीम सुनीता को लेकर मुरी में उतर गई है तो उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर सुनीता को गायब कर दिया है।
सिर्फ दैनिक भास्कर ने राजधानी एक्सप्रेस की ए-5 बोगी में की युवती से बात
सुनीता को दिल्ली से लाने के लिए रांची ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने एएसआई योगेंद्र कुमार और दो महिला आरक्षी सुशीला होरो और बालन किंडो को भेजा था। मंगलवार को बोकारो में राजधानी एक्सप्रेस में जब भास्कर टीम ने सुनीता से बात करने का प्रयास किया तो पहले एएसआई ने ये कहते हुए मना कर दिया कि एसपी साहब ने मना किया है। फिर जब भी सुनीता से सवाल पूछे गए तो एएसआई खुद जवाब देते रहे और सुनीता को बात करने से मना करते रहे।
भास्कर ने सुनीता से जो भी सवाल पूछा, जवाब देने एएसआई बीच में कूदे...सुनीता को रोका
जिस घर पर वह काम कर रही थी, वहां क्या परेशानी हुई?
- इस सवाल पर सुनीता को बीच में रोकते हुए एएसआई ने कहा कि कोई परेशानी नहीं थी। बस समय पर खाना नहीं देते थे। जब भास्कर टीम ने कहा कि यही बात सुनीता से सुनना चाहते हैं...तब सुनीता को बोलने का मौका दिया। सुनीता जब भी आलोक वर्मा और उनके घरवालों के बारे में कुछ बोलने जाती तो एएसआई बीच में रोक देते।
क्या वहां तुम्हारे साथ किसी तरह की बदतमीजी भी हुई?
-यहां भी एएसआई सवाल के बीच में कहते हैं कि इसके साथ कुछ नहीं हुआ है। सिक्यूरिटी और हेल्थ के हिसाब से सब ठीक है, अभी एक राउंड दौड़ाएंगे तो आराम से दौड़ लेगी। उसी बीच सुनीता ने बताया कि जिनके घर वह काम करती वहां पर भईया बहुत बुरी तरह से घूर के देखा करते थे। मुझे बहुत अजीब लगता था।
एएसआई के पास आता रहा उच्चाधिकारी का फोन...फोन के बाद ही रुकी ट्रेन
एएसआई के पास लगातार उच्चाधिकारी का फोन आता रहा। ट्रेन मुरी तक पहुंच गई थी। चौथा फोन आया तो एएसआई बात करते हुए बाथरूम तक गया। भास्कर टीम ने सुनीता से पूछा कि आलोक वर्मा कौन है...तब तक एएसआई लौट आया और तभी ट्रेन भी रुक गई। आनन-फानन में पुलिस टीम सुनीता को लेकर ट्रेन से उतर गई।
4 बातें जो साफ करती हैं कि आलोक वर्मा की पहचान छिपाई जा रही है:
1. दिल्ली के बसंत विहार के मकान से सुनीता का रेस्क्यू महिला आयोग ने करवाया। सुनीता ने बताया कि आयोग की टीम ने उसकी मालकिन से बात की फिर उसे 22700 रुपए दिए गए। उसने कहा कि पुलिस आलोक वर्मा से डरती थी।
2. दिल्ली में सुनीता नारी निकेतन में थी तो रात दो बजे दिल्ली पुलिस की टीम उससे मिलने पहुंची। सुनीता ने बताया कि नारी निकेतन की मैडम ने उससे लिखवाया कि वह पुलिस से नहीं मिलना चाहती और टीम को लौटा दिया।
3. रांची से गई पुलिस टीम ने सुनीता को बेचने वाली निशा और प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाली यमुना और अशोक को ढूंढ़ने या उनसे पूछताछ करने का कोई प्रयास ही नहीं किया। एएसआई ने कहा कि सिर्फ सुनीता को लाने का निर्देश है।
4. मुरी में राजधानी एक्स. का स्टॉपेज न होते हुए भी ट्रेन वहां दो मिनट रुकी। रेलवे अधिकारी भले तकनीकी कारण बताएं, मगर राजधानी के किसी भी स्टेशन से रवाना होने पर अगले 3-4 स्टेशन तक रूट क्लियरेंस रहता है।
3.देर शाम महिला आयोग के समक्ष दर्ज हुआ सुनीता का बयान
रांची रेलवे स्टेशन पर सुनीता के न मिलने पर महिला आयोग अध्यक्ष कल्याणी शरण ने काफी हंगामा किया और मीडिया के समक्ष कहा कि ग्रामीण एसपी ने सुनीता को गायब कर दिया है। हंगामे का असर ये रहा कि मंगलवार देर शाम रांची ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने शरण के समक्ष सुनीता का बयान दर्ज करवाया। सुनीता ने बयान में बताया कि वह आलोक वर्मा के यहां काम करती थी, मगर काम के पैसे नहीं दिए जाते थे। इसकी शिकायत उसने लेबर ऑफिसर से भी की थी।
4.ग्रामीण एसपी बोले-मामला संवेदनशील...मीडिया से नहीं मिलने देंगे
सुनीता को दिल्ली से रांची लाने की जिम्मेदारी ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को दी गई थी। ग्रामीण एसपी ने रातू थाना में पदस्थापित एएसआई व दो महिला आरक्षियों को दिल्ली भेजा था। डुंगडुंग ने कहा कि पुलिस सुनीता को लेकर रांची आ गई है। उसे सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। पुलिस उससे पहले पूछताछ करेगी। इसके बाद मीडिया को किसी तरह की जानकारी दी जाएगी। मामला संवेदनशील है, इसलिए सुनीता को किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। आलोक वर्मा कौन है पूछताछ के बाद ही यह साफ हो सकेगा।
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