रांची. राज्य के 67000 पारा शिक्षकों की सेवा नियमित करने की मांग करने को लेकर सोमवार से प्रमंडल वाइज धरना प्रदर्शन कार्यक्रम चल रहा है। तीसरे दिन बुधवार को संथाल परगना प्रमंडल के पारा शिक्षकों ने राजभवन के समक्ष धरना दिया। इस क्रम में सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की।
लंबित डिमांड के प्रति संवेदन हीन है सरकार
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पारा शिक्षकों की सेवा नियमित करने की मांग सरकार से की। मोर्चा के विनोद बिहारी महतो, हृषिकेश पाठक, बजरंग प्रसाद, सिंटू सिंह समेत अन्य शिक्षकों ने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार पारा शिक्षकों के लंबित डिमांड के प्रति संवेदन हीन है। इससे पारा शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। कहा कि 15 सितंबर को स्थापना दिवस समारोह में राज्य के सभी शिक्षक शामिल होंगे। इस अवसर सरकार द्वारा पारा शिक्षकों को नियमित करने की घोषणा की जाती है तो जिंदाबाद का नारा लगाएंगे। घोषणा नहीं होने की स्थिति मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाएंगे।
16 से अनिश्चितकालीन आंदोलन
16 नवंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन पारा शिक्षकों ने कहा कि 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। इससे राज्य में प्राथमिक स्कूलों की पढ़ाई ठप हो जाएगी। इसके लिए सरकार और विभागीय अधिकारी जिम्मेवार है। पारा शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण के लिए हाइलेबल कमेटी गठित की गई थी। लेकिन अभी तक डिमांड यथावत है। मौके पर मुख्य रूप से प्रमोद कुमार, मो. सकील, महताब आलम, बलराम महतो, रामदयाल महतो, नेली लुकश, संजय कुमार, रोहित कुमार, सुखदेव राम समेत हजारों शिक्षक थे।
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