{content: तीन दिवसीय मिथिला महोत्सव 5 अप्रैल से हरमू के पटेल मैदान में शुरू होगा। विद्यापति चौक पर विद्यापति की प्रतिमा की पूजा कर महोत्सव की शुरुआत की जाएगी। झारखंड मिथिला मंच के संयोजक मनोज मिश्र और महासचिव संतोष झा ने बताया कि 5 अप्रैल शाम 6 बजे पटेल मैदान में मिथिला क्षेत्र के कई साहित्यकार एवं कवि गोष्ठी में आएंगे। मंच की स्मारिका अरिपन -5 का विमोचन 6 अप्रैल को होगा। मिथिला साहित्य के बड़े साहित्यकारों की रचनाएं मंगाई गई हैं। 6 और 7 अप्रैल को हरमू मैदान में नामचीन कलाकार अपने गीतों से मनोरंजन करेंगे। महोत्सव का आमंत्रण घर-घर पहुंचाने के लिए आज सुबह 9.45 बजे हरमू मैदान से विद्यापति रथ रवाना किया जाएगा।
आनंद मेला में माछ-भात, पारंपरिक परिधान के स्टॉल
महोत्सव मे आनंद मेला लगेगा। यहां लोग माछ-भात का लुत्फ उठा सकेंगे। पारंपरिक परिधान, मिथिला पेंटिंग, जनेऊ, शिक्की, मौनी एवं मिथिला के अंचार, पुस्तकें और मिथिला गीतों की डीवीडी कैसेट खरीद सकेंगें। कलाकार द्रुपद सम्राट पंडित हरिनाथ झा, स्वर कोकिला रंजना झा, मिथिला र| कुंज विहारी मिश्र, राइजिंग स्टार मैथिली ठाकुर, युवा दिलों की धड़कन माधव राय, लोकगीतों की गायिका जूली झा, पूनम मिश्रा, निभा झा ,रूपा चौधरी एवं ज्योति मिश्रा अपने गीतों से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। इस बार के मिथिला महोत्सव का मुख्य आकर्षण रांची में रहने वाले मैथिल बच्चियों द्वारा झिझिया, डोमकच की प्रस्तुति भी होगी।
इन्हें मिलेगा सम्मान
विश्वंभर साहित्य सम्मान : यह पुरस्कार 6 अप्रैल को साहित्यकार गोविंद झा को दिया जायेगा।
नरेंद्र झा सम्मान : लोकगीत गायन के लिए सुरेंद्र यादव, मैथिल महिला में गौरी मिश्र, मैथिल बालक के लिए अनुभव आनंद एवं आदिवासी संस्कृति में अपनी अमिट छवि के लिए मुकुंद नायक को यह सम्मान दिया जाएगा।
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