रांची. लोकसभा चुनाव में एनडीए आगे-आगे चल रहा है और महागठबंधन पीछे-पीछे। एनडीए ने जहां प्रदेश की 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा काफी पहले ही कर दी है और ये प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर रहे हैं, वहीं महागठबंधन तीन माह के मंथन के बाद भी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाया है। झामुमो और कांग्रेस ने एक भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस के लोग अभी टिकट के लिए दिल्ली दरबार की दौड़ ही लगा रहे हैं। झाविमो और राजद ने अपने दो-दो प्रत्याशियों की घोषणा की है। राजद ने चतरा और पलामू में उम्मीदवारों की घोषणा की है। झाविमो ने काफी देर से 30 मार्च को उम्मीदवारों की घोषणा की।
राज्य में महागठबंधन के सबसे बड़े दल कांग्रेस की स्थिति सीटों की घोषणा के मामले में ज्यादा खराब है। दो सीटों को छोड़ दें तो उसके हिस्से में आई पांच सीटों पर एक से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम पर अब भी मंथन जारी है। जिन दो सीटों- रांची और सिंहभूम पर कांग्रेस के उम्मीदवार लगभग तय हैं उनके नाम की घोषणा भी नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि टिकट सुनिश्चित रहने पर भी प्रत्याशियों में आत्मविश्वास नहीं आ पा रहा है।
एनडीए की ओर से भाजपा के 10 और आजसू के एक उम्मीदवार के नाम की घोषणा हो चुकी है। आजसू को एक सीट मिली है। सभी सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी प्रचार शुरू कर चुके हैं। प्रचार में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, पूर्व मंत्री पीएन सिंह, विद्युत वरण महतो आदि हैं। उधर, आजसू के प्रत्याशी मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी भी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
महागठबंधन के दो बड़े दलों में कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा दो अप्रैल को होनी है। उस दिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। हालांकि तय समय के पहले प्रत्याशियों की घोषणा का प्रयास हो रहा है। झामुमो ने शनिवार को घोषणा की कि वह अगले 24 से 48 घंटे में उम्मीदवारों की घोषणा करेगा। जबकि एनडीए की ओर से भाजपा को 3 सीटों- रांची, कोडरमा, चतरा के लिए उम्मीदवार की घोषणा करनी है।
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