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30 Mart 2019 Cumartesi

दिल्ली व झारखंड के यूथ ग्रुप ने नाटकों में उठाया जात-पात खत्म करने और जंगल बचाने का मुद्दा

{content: ऑड्रे हाउस में चल रहे छोटानागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में शनिवार को दो नाटकों का मंचन हुआ। इसमें पहला नाटक \'महारथी\' था। जिसकी प्रस्तुति ब्लैक पर्ल आर्ट्स, दिल्ली की टीम की ओर से की गई। इसके लेखक विभांशु वैभव और निर्देशक अमूल सागर रहे। यह नाटक महाभारत के कर्ण के इर्द गिर्द है। महाभारत युग के चित्रण से वर्तमान समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया। इसमें जाति, वर्ण, ऊंच-नीच के हिसाब से व्यक्ति को तोलने व समाज से उसका बहिष्कार करने जैसे मुद्दों पर चोट की गई। धर्म का महत्व भी समझाया गया।

वहीं दूसरा नाटक पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा द्वारा रचित और अशोक गोप निर्देशित शालवन की अंतिम साल रहा। जिसने लोगों के मन में वृक्षों एवं वनों के प्रति प्रेम जगाने का काम किया। इसमें विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई से मानव जाति पर पड़ रहे प्रभाव को दिखाया गया। साथ ही आदिवासियों के विस्थापन के मुद्दे पर प्रकाश डाला गया। दिखाया कि किस प्रकार से जंगल काट कर इमारतें बनाई जाती है, कारखाने लगाए जाते हैं। बदले में जंगल के वासियों को क्या मिलता है प्रदूषित जल, वायु, बंजर भूमि और बीमारी। झारखंड के रंगदर्पण ग्रुप ने इस नाटक का मंचन किया।

शालवन की अंतिम साल

महारथी

छोटानागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में आज कन्यादान और सुकरात का मंचन

शाम 6.30 से होंगे नाटक, एंट्री फ्री : छठे छोटानागपुर नाट्य महोत्सव का आज पांचवां दिन है। ऑड्रे हाउस में शाम करीब 6.30 बजे से नाटकों का मंचन होगा। लेखक विजय तेंदुलकर व निर्देशक अमूल सागर के नाटक कन्यादान और फिर अख्तर अली लिखित व विजय कुमार निर्देशित सुकरात मंचित किया जाएगा।



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