गुमला. लोहरदगा लोस चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन 11 प्रत्याशियों ने नामांकन कर चुनावी दंगल में कूदने का ऐलान कर दिया। इस तरह चुनाव में अब तक कुल 17 प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके हैं। हालांकि 20 प्रत्याशियों ने नामांकन प्रपत्र खरीदा था, लेकिन तीन प्रत्याशी क्रमश: राष्ट्रीय जन क्रांति मोर्चा के सुखी उरांव, निर्दलीय प्रत्याशी रंजीत उरांव व सीलास बाड़ा ने नामांकन दाखिल नहीं किया।
अंतिम दिन सबसे पहले निर्दलीय अंबर सौरभ कुणाल ने अपने समर्थकों व प्रस्तावकों के साथ पहुंचकर जिला निर्वाची पदाधिकारी सह उपायुक्त शशिरंजन के समक्ष दो सेट में नामांकन पर्चा दाखिल किया। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत गाजे-बाजे व समर्थकों की भीड़ के साथ गुमला स्थित पार्टी कार्यालय से जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए पहुंचे। फिर अपने समर्थक व प्रस्तावक के साथ पहुंचकर चार सेट में नामांकन दाखिल किया। इसके बाद दिनेश उरांव, पंकज तिर्की, रघुनाथ महली, संजय उरांव, सूरज कुमार खलखो, एतवा उरांव, कलिंद्र उरांव व आलोन बाड़ा ने भी निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष नॉमिनेशन किया।
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प्रत्याशी दल सुदर्शन भगत भाजपा सुखदेव भगत कांग्रेस ईकुस धान निर्दलीय आनंद पॉल तिर्की निर्दलीय श्रवण कुमार पन्ना बसपा देवकुमार धान झापा सनिया उरांव निर्दलीय आलोन बाखला निर्दलीय कलिंद्र उरांव निर्दलीय अजीत भगत निर्दलीय एतवा उरांव निर्दलीय सूरज कुमार खलखो निर्दलीय संजय उरांव निर्दलीय अंबर सौरभ कुणाल निर्दलीय रघुनाथ महली निर्दलीय पंकज तिर्की पूर्वांचल जनता पार्टी सेक्यूलर दिनेश उरांव टीएमसी जिला निर्वाची पदाधिकारी सह उपायुक्त शशिरंजन ने बताया कि नामांकन की तिथि समाप्त हो गई है। बुधवार दस अप्रैल को सुबह के दस बजे से तीन बजे तक छंटनी की प्रकिया पूरी की जाएगी। इसमें आरओ, एआरओ सहित वरीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके बाद 11 अप्रैल को नाम वापसी की प्रकिया पूरी की जाएगी।
गेम चेंजर की भूमिका में रहने वाले बिशुनपुर के झामुमो विधायक चमरा लिंडा के चुनाव में खड़े होने संबंधी अटकलों पर नामांकन की अवधि समाप्त होने के बाद विराम लग गया। लगातार दो बार से चुनाव में खड़े होकर जीत-हार का समीकरण बदलने वाले चमरा इस बार चुनावी दावेदारी से दूर रहे और मैदान में खड़े नहीं हुए। हालांकि उनके मैदान में नहीं रहने से दो नेशनल पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर की संभावना बढ़ गई है। कई राजनीति पंडित अभी से ही जीत-हार का आकलन करने लगे हैं।
नामांकन के बाद कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत ने कहा कि महागठबंधन के सभी नेताओं ने समर्थन देकर साबित कर दिया है कि उनका भरोसा कांग्रेस व मेरे साथ है, जो मेरे जीत की ओर पहला कदम है। मुद्दों के सवाल पर कहा कि स्थानीय मुद्दे तो शामिल रहते ही है लेकिन विशेषकर यहां की जीवनशैली है जमीन। सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट व भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन कर ठगने का काम किया है। वहीं आदिवासियों की परंपरागत मांग सरना कोड जैसे कई मुद्दे प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस प्रकार दस प्रतिशत आरक्षण दिया। लेकिन यहां 53 प्रतिशत ओबीसी है। उन्हें आरक्षण क्यों नहीं दिया। इससे पता चलता है कि सरकर विद्वेष की भावना से काम करती है। इसके अलावे क्षेत्र की चिरलंबित मांग बाइपास, रेलवे लाइन, बेरोजगारी, लॉ एंड ऑर्डर, महिला सुरक्षा को उन्होंने मुद्दा बताया। नामांकन में डॉक्टर रामेश्वर उरांव सहित कई नेताओं के शामिल नहीं होने पर कहा कि किसी से कोई नाराजगी नहीं है। फील्ड में सभी रहेंगे। अंत में उन्होंने कांग्रेस को गांधीवादी पार्टी बताते हुए कहा कि कांग्रेस विचारों से प्रेरित है।
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